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 UPSC Topper 2025: शक्ति दुबे की  जानिये  सफलता  कहानी :-


संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम 22 अप्रैल, 2025 को घोषित किया, और शक्ति दुबे ने अखिल भारतीय रैंक (AIR) 1 प्राप्त करके इस प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप किया है। यहां उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:

व्यक्तिगत विवरण:

  • नाम: शक्ति दुबे
  • गृहनगर: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत
  • शिक्षा:
    • प्रारंभिक शिक्षा: प्रयागराज से ही हुई।
    • स्नातक: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक (बायोकेमिस्ट्री)।
    • परास्नातक: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में (वर्ष 2018 में पूरा किया)।
  • वैकल्पिक विषय: राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Political Science and International Relations - PSIR)
  • प्रयास: यह उनका पाँचवा प्रयास था। उन्होंने पहले तीन प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी। चौथे प्रयास में उन्होंने मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाईं।

यूपीएससी यात्रा:

  • शक्ति दुबे ने 2018 में अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।
  • उन्होंने सात साल तक कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी की।
  • उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान कई चुनौतियों और असफलताओं का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
  • उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और हर साल अपनी तैयारी में सुधार किया।
  • उनकी सफलता दृढ़ता, धैर्य और आत्मविश्वास का प्रमाण है।

प्रेरणा और दृष्टिकोण:

  • शक्ति दुबे ने सिविल सेवा में शामिल होने के अपने फैसले का श्रेय अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि को दिया है।
  • उन्होंने अपने माता-पिता से सलाह ली, जिन्होंने इस पूरी यात्रा में उनका समर्थन किया।
  • उनका मानना है कि जमीनी स्तर पर लोगों की जरूरतों को समझे बिना ऊपर से थोपे गए सुधार प्रभावी नहीं होते।
  • वह पुरानी प्रणालियों को चुनौती देने से नहीं हिचकिचाती हैं और मानती हैं कि वास्तविक सुधार निचले स्तर के कर्मचारियों से शुरू होना चाहिए।
  • उनका मानना है कि समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) महिलाओं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित कर सकता है और उन्हें घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न से बचा सकता है। हालांकि, उनका मानना है कि इसे सभी हितधारकों से परामर्श के बाद धीरे-धीरे लागू किया जाना चाहिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उनकी गहरी रुचि है और उनका मानना है कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे पहलों के माध्यम से जलवायु नेतृत्व किया है।

अन्य जानकारी:

  • शक्ति दुबे को कविता लिखने और विचारोत्तेजक बातें कहने का शौक है।
  • वह आशावादी हैं और अपनी कमजोरियों को विकास के अवसर के रूप में देखती हैं।
  • उनकी सफलता प्रयागराज और पूरे देश के यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है।
प्रश्न: चार प्रयासों में असफलता और फिर टापर बनने का अनुभव कैसा रहा?

उत्तर: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और बीएचयू से एमएससी टापर रही पर असली चुनौती तो यूपीएससी की तैयारी थी। पहला प्रयास महज औपचारिकता था, असली गंभीरता तो बाद में आई। चौथे प्रयास में जब दो नंबर से चूक गई तो लगा जैसे सब खत्म हो गया। लेकिन पापा ने हिम्मत, मम्मी ने सहारा, भाई ने संबल दिया और मैंने हार नहीं मानी।

यह मेरे पिता का सपना था कि मैं अधिकारी बनूं। उन्होंने ही मेरे भीतर प्रेरणा का बीज बोया। कई बार ऐसा लगा कि सब कुछ खत्म हो गया है, लेकिन मम्मी-पापा और छोटे भाई ने हर बार मुझे खड़ा किया और मैंने निराशा को पास नहीं आने दिया।

प्रश्न:: साक्षात्कार का अनुभव कैसा रहा?

उत्तर:: इस बार इंटरव्यू पिछले वर्ष से बेहतर गया। मुझसे प्रयागराज महाकुंभ, भारत-चीन और भारत-नेपाल संबंधों पर प्रश्न पूछे गए। मेरी रूचियों और करंट अफेयर्स से जुड़े कई सवाल पूछे गए। साक्षात्कार के लिए उन्होंने खुद को लगातार अपडेट रखा और अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने का अभ्यास किया।

प्रश्न:: तैयारी के लिए उचित मार्गदर्शन कैसे मिला?

उत्तर:: मेरी तैयारी एकांत में हुई। मेरा कोई बड़ा फ्रेंड सर्कल नहीं था। मैंने खुद को किताबों, शिक्षकों और परिवार के मार्गदर्शन तक सीमित रखा। फाउंडेशन कोर्स के बाद जब मैं शिक्षकों के टच में आई, तब समझ आया कि सही मार्गदर्शन सफलता की चाबी है।

यह उनका पांचवां प्रयास था और सात वर्षों की तैयारी रही। हर असफलता के बाद मैंने अपनी गलती को पहचाना और अगली बार उस पर ध्यान दिया। आपको अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना होगा, तभी सफलता की ओर बढ़ा जा सकता है।

प्रश्न:: युवा पीढ़ी मोबाइल पर ज्यादा समय देती है, इस पर क्या कहेंगी?

उत्तर:: किसी भी चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। इसी तरह मोबाइल के भी हैं। मोबाइल आज एक शस्त्र बन सकता है, यदि आप उसे सही तरीके से इस्तेमाल करें। मैंने मोबाइल का प्रयोग केवल पढ़ाई और करंट अफेयर्स के लिए किया। प्रतियोगियों को चाहिए कि वे मोबाइल का उपयोग केवल स्टडी के लिए करें, वरना ध्यान और समय दोनों बर्बाद होते हैं।

प्रश्न:: प्रतियोगी छात्रों को क्या सुझाव देंगी?

उत्तर:: अब प्रारंभिक परीक्षा में 30 दिन बचे हैं। ऐसे समय में कुछ नया पढ़ने की जरूरत नहीं है। जो पढ़ा है, उसे रिवाइज करें। खुद पर विश्वास रखें और मानसिक मजबूती बनाए रखें। मैं औसतन 14 घंटे की पढ़ाई करती थीं और हमेशा पाठ्यक्रम की गहराई में जाकर पढ़ने की कोशिश करती थीं।

यूपीएससी में पालिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस को अपना वैकल्पिक विषय चुना। उन्होंने कहा कि विषय का चयन रुचि और समझ के अनुसार करना चाहिए न कि ट्रेंड देखकर। इससे अध्ययन में गहराई आती है।

निष्कर्ष:

शक्ति दुबे की सफलता की कहानी दृढ़ संकल्प, निरंतर प्रयास और कभी हार न मानने वाले रवैये का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में न केवल सफलता प्राप्त की बल्कि पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया। उनकी यात्रा उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है जो सिविल सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं।


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