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 UPSC Topper 2025: शक्ति दुबे की  जानिये  सफलता  कहानी :-


संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम 22 अप्रैल, 2025 को घोषित किया, और शक्ति दुबे ने अखिल भारतीय रैंक (AIR) 1 प्राप्त करके इस प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप किया है। यहां उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:

व्यक्तिगत विवरण:

  • नाम: शक्ति दुबे
  • गृहनगर: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत
  • शिक्षा:
    • प्रारंभिक शिक्षा: प्रयागराज से ही हुई।
    • स्नातक: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक (बायोकेमिस्ट्री)।
    • परास्नातक: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में (वर्ष 2018 में पूरा किया)।
  • वैकल्पिक विषय: राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Political Science and International Relations - PSIR)
  • प्रयास: यह उनका पाँचवा प्रयास था। उन्होंने पहले तीन प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी। चौथे प्रयास में उन्होंने मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाईं।

यूपीएससी यात्रा:

  • शक्ति दुबे ने 2018 में अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।
  • उन्होंने सात साल तक कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी की।
  • उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान कई चुनौतियों और असफलताओं का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
  • उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और हर साल अपनी तैयारी में सुधार किया।
  • उनकी सफलता दृढ़ता, धैर्य और आत्मविश्वास का प्रमाण है।

प्रेरणा और दृष्टिकोण:

  • शक्ति दुबे ने सिविल सेवा में शामिल होने के अपने फैसले का श्रेय अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि को दिया है।
  • उन्होंने अपने माता-पिता से सलाह ली, जिन्होंने इस पूरी यात्रा में उनका समर्थन किया।
  • उनका मानना है कि जमीनी स्तर पर लोगों की जरूरतों को समझे बिना ऊपर से थोपे गए सुधार प्रभावी नहीं होते।
  • वह पुरानी प्रणालियों को चुनौती देने से नहीं हिचकिचाती हैं और मानती हैं कि वास्तविक सुधार निचले स्तर के कर्मचारियों से शुरू होना चाहिए।
  • उनका मानना है कि समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) महिलाओं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित कर सकता है और उन्हें घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न से बचा सकता है। हालांकि, उनका मानना है कि इसे सभी हितधारकों से परामर्श के बाद धीरे-धीरे लागू किया जाना चाहिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उनकी गहरी रुचि है और उनका मानना है कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे पहलों के माध्यम से जलवायु नेतृत्व किया है।

अन्य जानकारी:

  • शक्ति दुबे को कविता लिखने और विचारोत्तेजक बातें कहने का शौक है।
  • वह आशावादी हैं और अपनी कमजोरियों को विकास के अवसर के रूप में देखती हैं।
  • उनकी सफलता प्रयागराज और पूरे देश के यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है।
प्रश्न: चार प्रयासों में असफलता और फिर टापर बनने का अनुभव कैसा रहा?

उत्तर: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और बीएचयू से एमएससी टापर रही पर असली चुनौती तो यूपीएससी की तैयारी थी। पहला प्रयास महज औपचारिकता था, असली गंभीरता तो बाद में आई। चौथे प्रयास में जब दो नंबर से चूक गई तो लगा जैसे सब खत्म हो गया। लेकिन पापा ने हिम्मत, मम्मी ने सहारा, भाई ने संबल दिया और मैंने हार नहीं मानी।

यह मेरे पिता का सपना था कि मैं अधिकारी बनूं। उन्होंने ही मेरे भीतर प्रेरणा का बीज बोया। कई बार ऐसा लगा कि सब कुछ खत्म हो गया है, लेकिन मम्मी-पापा और छोटे भाई ने हर बार मुझे खड़ा किया और मैंने निराशा को पास नहीं आने दिया।

प्रश्न:: साक्षात्कार का अनुभव कैसा रहा?

उत्तर:: इस बार इंटरव्यू पिछले वर्ष से बेहतर गया। मुझसे प्रयागराज महाकुंभ, भारत-चीन और भारत-नेपाल संबंधों पर प्रश्न पूछे गए। मेरी रूचियों और करंट अफेयर्स से जुड़े कई सवाल पूछे गए। साक्षात्कार के लिए उन्होंने खुद को लगातार अपडेट रखा और अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने का अभ्यास किया।

प्रश्न:: तैयारी के लिए उचित मार्गदर्शन कैसे मिला?

उत्तर:: मेरी तैयारी एकांत में हुई। मेरा कोई बड़ा फ्रेंड सर्कल नहीं था। मैंने खुद को किताबों, शिक्षकों और परिवार के मार्गदर्शन तक सीमित रखा। फाउंडेशन कोर्स के बाद जब मैं शिक्षकों के टच में आई, तब समझ आया कि सही मार्गदर्शन सफलता की चाबी है।

यह उनका पांचवां प्रयास था और सात वर्षों की तैयारी रही। हर असफलता के बाद मैंने अपनी गलती को पहचाना और अगली बार उस पर ध्यान दिया। आपको अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना होगा, तभी सफलता की ओर बढ़ा जा सकता है।

प्रश्न:: युवा पीढ़ी मोबाइल पर ज्यादा समय देती है, इस पर क्या कहेंगी?

उत्तर:: किसी भी चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। इसी तरह मोबाइल के भी हैं। मोबाइल आज एक शस्त्र बन सकता है, यदि आप उसे सही तरीके से इस्तेमाल करें। मैंने मोबाइल का प्रयोग केवल पढ़ाई और करंट अफेयर्स के लिए किया। प्रतियोगियों को चाहिए कि वे मोबाइल का उपयोग केवल स्टडी के लिए करें, वरना ध्यान और समय दोनों बर्बाद होते हैं।

प्रश्न:: प्रतियोगी छात्रों को क्या सुझाव देंगी?

उत्तर:: अब प्रारंभिक परीक्षा में 30 दिन बचे हैं। ऐसे समय में कुछ नया पढ़ने की जरूरत नहीं है। जो पढ़ा है, उसे रिवाइज करें। खुद पर विश्वास रखें और मानसिक मजबूती बनाए रखें। मैं औसतन 14 घंटे की पढ़ाई करती थीं और हमेशा पाठ्यक्रम की गहराई में जाकर पढ़ने की कोशिश करती थीं।

यूपीएससी में पालिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस को अपना वैकल्पिक विषय चुना। उन्होंने कहा कि विषय का चयन रुचि और समझ के अनुसार करना चाहिए न कि ट्रेंड देखकर। इससे अध्ययन में गहराई आती है।

निष्कर्ष:

शक्ति दुबे की सफलता की कहानी दृढ़ संकल्प, निरंतर प्रयास और कभी हार न मानने वाले रवैये का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में न केवल सफलता प्राप्त की बल्कि पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया। उनकी यात्रा उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है जो सिविल सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं।


पढ़ाई में मन कैसे लगाए।।padhai main man kaise lagay

 जैसा कि हम सब जानते हैं कि आज के समय में टेक्नोलॉजी ज्यादा काम कर रही है जगह जगह पर मोबाइल कंप्यूटर आदि इस्तेमाल हो रहे है जिससे कि जो नहीं पीढ़ी आ रही है यह उनके लिए बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि इससे उनके भविष्य पर काफी गलत प्रभाव पड़ रहा है हालांकि कि अपनी जगह पर टेक्नोलॉजी अच्छा काम कर रही है आने वाले समय में इससे दिक्कत हो सकती है 


पढ़ाई करने के महत्वपूर्ण टिप्स:- 

1) पढ़ाई करने से पहले हमे मोबाइल को दूर रखना चाहिए।

2) पढ़ाई करने से पहले हमे उसके बारे मे सोचना चाहिए 

3)। पढ़ाई करने से पहले हमे पढ़ाई करने से संबंधित सामग्री साथ रखनी चाहिए।

4) पढ़ाई हमे हमेशा एकांत जगह पर करनी चाहिए 

5) पढ़ाई करने से पहले हम जो भी करना चाहते हैं उसे करने के बाद पढ़ाई करनी चाहिए मेरा मन इधर उधर न हो 


पढ़ाई करने का महत्वपूर्ण समय:- 

पढ़ाई करने का वैसे कोई समय नहीं होता है उसे हम जब भी चाह तब कर सकते हैं लेकिन ज्यादातर लोग सुबह के समय पढ़ाई करना ज्यादा बेहतर समझे है क्योंकि इस समय ब्रममूरत  का समय होता है और सुबह के समय पूरा जहां भी शांत होता है तो इस समय अच्छे पढ़ाई कर सकते हैं जिससे सुबह का समय पढ़ा हुआ हमे काफी समय तक याद रहता है 



मन को शांत कैसे करें 


मन को शांत करने के लिए हमे मेडिसिन और योगा को सुबह 5 बजे करना चाहिए जिससे हमारी अंदर जो विचार है उनमें परिवर्तन होता है और हमारी याद करने की क्षमता बढ़ती है क्योंकि जो भी ऋषि मुनि होते थे वो अपनी तपस्या सुबह के समय ही करते थे तो विद्यार्थी के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है 

पढ़ाई में मन लगाने के लिए ये मंत्र जपा जा सकते हैं: 
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वा रुकमेव बंधनात मृत्योर् मोक्षीय मामृतात् 
  • ऊं नमो भगवती सरस्वती वाग्वादिनी ब्राह्मणी ब्रह्मस्वरूपिणी बुद्धिवादिनी मम विद्या देहि-देहि स्वाहा 
  • ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् 



Success Story: UPSC के लिए छोड़ा 30 लाख का पैकेज जानिए सफलता की कहनी



Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं है. इस कठिन परीक्षा को पास करने वालों में एक नाम अभिनव सिवाच का भी है. हरियाणा के अभिनव सिवाच ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में अखिल भारतीय स्तर पर 12वीं रैंक हासिल की. यह उपलब्धि हासिल करना उनके लिए भी आसान नहीं था उन्होंने सालाना 30 लाख रुपये का नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया और अपनी मेहनत से UPSC परीक्षा को पास किया, रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करके. इनकी सफलता की कहानी से आपको भी प्रेरणा मिलेगी.


पिता से मिली थी सरकारी नौकरी की प्रेरणा

अभिनव सिवाच हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले हैं और वे बचपन से ही अपनी बेहतरीन योग्यता के लिए मशहूर हैं. उन्होंने पहले दिल्ली सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और अब दक्षिण दिल्ली के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) के रूप में काम कर रहे हैं. इस पद से पहले, उन्होंने फतेहाबाद जिले के टोहाना में नायब तहसीलदार के तौर पर भी अपनी सेवा दी थी. उनके पिता, सतबीर सिवाच, सेलटेक्स विभाग में आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं और उनका परिवार हिसार में रहता है. अभिनव ने सिविल सेवा में शामिल होने के लिए 30 लाख रुपये के पैकेज वाली शानदार नौकरी को छोड़ दिया था.


सोशल मीडिया से हमेशा रहे दूर

मीडिया से बातचीत के दौरान अभिनव ने बताया कि उन्होनें आईआईएम कोलकाता से ग्रेजुएशन किया है और उन्हें 30 लाख रुपये सालाना का जॉब ऑफर मिला था. लेकिन उन्हें हमेशा से यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास करने का जुनून था और इसलिए उन्होंने यह मौका ठुकरा दिया. एसडीएम के रूप में काम करते हुए, उन्होंने रात-रात भर जागकर 7 से 8 घंटे की पढ़ाई की और आखिरकार यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से भी दूरी बनाई, क्योंकि उनका ऐसा मानना है कि यह भटकाव और डिस्टर्बेंस का कारण बन सकता है.



IPS से की शादी 

अकादमिक सफलता के साथ-साथ, आईएएस अधिकारी अभिनव सिवाच की चर्चा उस समय भी खूब हुई जब उन्होंने आईपीएस अधिकारी आशना चौधरी के साथ एक भावनात्मक इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में इस जोड़े की एक इमोशनल तस्वीर थी, जिसके साथ कैप्शन था – “थोड़ा है, थोड़े की जरूरत है, जिंदगी फिर भी यहां खूबसूरत है. एक बार में एक सपना. तुम मुझे पूरा करते हो.” आईएएस अधिकारी अभिनव सिवाच और आईपीएस अधिकारी आशना चौधरी की प्रेम कहानी ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं.

1 फरवरी की सुबह-सुबह आई खुशखबरी! सस्ता हो गया LPG सिलेंडर, नई कीमतें आज से ही लागू

 


की सुबह-सुबह आमजन के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है. इसके तहत सिलेंडर की कीमतों में आज से कटौती की गई है.ताजा अपडेट के मुताबिक शनिवार से सिलेंडर पहले से कम भाव पर मिल रहे हैं. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे केंद्रीय बजट को संसद में पेश करेंगी.



सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 1 फरवरी से कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है. इसमें प्रति सिलेंडर 7 रुपए की कटौती की गई है. घटी हुई कीमतें केवल 19 किलोग्राम वाले सिलेंडर पर ही लागू हुआ है. जबकि 14 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जोकि 1 अगस्त, 2024 से नहीं बदला है. हालांकि, कमर्शियल सिलेंडर की कीमतें जनवरी में 6 महीने में पहली बार 14.5 रुपए से 16 रुपए तक की कटौती की थी.


LPG सिलेंडर की नई कीमतें

इंडियन ऑयल की तरफ से जारी कीमतों के मुताबिक राजधानी दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला सिलेंडर 1797 रुपए है, जोकि पिछले महीने यानी जनवरी में 1804 रुपए में बिक रहा था. देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली सिटी मुंबई में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1749.50 रुपए पर आ गया है. यहां कमर्शियल सिलेंडर का भाव 1756 रुपए के भाव पर बिक रहा था.


ताजा अपडेट के मुताबिक कोलकाता में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1911 रुपए की घटकर 1907 रुपए पर आ गया है. इस लिहाज से सिलेंडर की कीमतें 4 रुपए घटी हैं. चेन्नई में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 6.5 रुपए की कटौती हुई है. 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर यहां 1959.5 रुपए पर आ गया है, जोकि जनवरी महीने में 1966 रुपए प्रति सिलेंडर था.


रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें

कमर्शियल सिलेंडर की तरह रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती नहीं हुई हैं. फरवरी में इसके रेट नहीं बदले हैं. 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर मुंबई में 802.50 रुपए पर मिल रहे. कोलकाता में 829 रुपए प्रति सिलेंडर पर बिक रहा है. राजधानी दिल्ली में 803 रुपए प्रति सिलेंडर पर बिक रहा है. जबकि चेन्नई में 818.50 रुपए के भाव पर बिक रहा  है 

सोने और चांदी के दामों में 2025 की गिरावट की उम्मीद

 


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2025 पेश किया है उन्होंने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था सभी अर्थव्यवस्थाओं से सबसे तेजी से बढ़ रही है और पिछले 10 वर्षों में किए गए सुधारों में वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस बजट में सरकार ने आम जनता के लिए कही महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। जिनका असर रोजमर्रा की चीजों, कीमती धातुओं और इलाज पर भी पड़ेगा।


बजट में सोने और चांदी पर आयत घटाने का प्रस्ताव किया है वित्त मंत्री ने बताया कि सोने और चांदी में शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। जिससे घरेलू बाजार में इनकी मांग बढ़ने की संभावना है आर्थिक सर्वे 2024- 25 के अनुसार 2025 में सोने की कीमतों में गिरावट और चांदी की कीमतों में वृद्धि हो सकती है 


 इसके अलावा मोबाइल फोन की कीमतों में गिरावट की उम्मीद है वित्त मंत्री ने कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाली तीन दवाओं पर छूट देने की घोषणा की है मछली हाइड्रोलैजैट और पेस्टीसाइड जैसे उत्पादों पर आयत शुल्क में कटौती से इसकी कीमतें भी कम हो सकती हैं 


PM किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त का पैसा 24 फरवरी को खातों में आने वाला और किन किसानों का नहीं आएगा पैसा



PM किसान सम्मान निधि योजना:- 

हमारे देश में सबसे बड़ा भाग खेती करने वाले किसानों का है गांव में खेती करने वाले किसानों की संख्या 70 प्रतिशत बताई गई है सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और प्रोत्साहित देने के लिए सरकार द्वारा हर वर्ष नई नई योजना आती रहती है इन्हीं योजनाओं के बीच एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है जिसकी 19वी  किस्त 24 फ़रवरी को हजारों किसानों  के खातों में भेजी जाएगी 



PM किसान सम्मान निधि योजना की 18 वीं किस्त का पैसा किसानों के खातों में जा चुका है:- 

अभी तक PM किसान सम्मान निधि योजना का 18 किस्तों का सरकार द्वारा भुगतान किया जा चुका है। और 19वीं किस्त का पैसा किसानों के खातों में 24 फरवरी को जाएगा। प्रधानमंत्री इस दिन बिहार के दौरे पर होगे और इसी दिन किस्त डाली जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बटन दबाते ही किसानों के खातों में योजना के दो दो हजार रुपए ट्रांसफर हो जाएंगे। 2.98 लाख किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अनुसार 3,13,882 किसान सम्मान निधि योजना से निलंबित है और 2.98 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है जबकि 6212 किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।





जिन किसानों ने अपने PM किसान सम्मान निधि योजना की ई केवाईसी नहीं कराई है :-

जिन किसानों ने अभी तक ई केवाईसी नहीं कराई है उन किसानों के खातों में 19 वीं किस्त का वे किसान लाभ नहीं उठा सकेंगे। PM किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार ने हर साल किसानों के खातों में 6000 रुपए ट्रांसफर 
करती हैं क्योंकि सरकार द्वारा हर चार महीनों में 2000 हजार रुपए ट्रांसफर करती है अपात्र लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सके इसके सरकार ने इस योजना के लिए ई केवाईसी को अनिवार्य किया है।

बुढ़े माता और पिता को महाकुंभ में अकेले छोड़ा


महाकुंभ मेले में बूढ़े मां-बाप को कलयुगी बेटों ने छोड़ा, फिर जो हुआ देखकर भर आएंगी आपकी आंखें, वीडियो वायरल




Son Left Parents In Kumbh Mela: इंटरनेट पर कई बार मायूस कर देने वाले वीडियो वायरल होते हैं। ऐसा ही एक बुजुर्ग दंपत्ति का वीडियो वायरल हो रहा है जिन्हें उनके बेटों ने महाकुंभ मेले में ले जाकर छोड़ दिया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी ज्यादा वायरल हो रहा है।


हाइलाइट्स

तीन बेटों ने बुजुर्ग मां-बाप को कुंभ के मेले में अकेला छोड़ा

कड़कड़ाती ठंड में कुंभ मेले में अकेले नजर आए बुजुर्ग दंपत्ति

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है 

मां-बाप अपनी जान से भी ज्यादा बढ़कर बच्चों को प्यार देते हैं और उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होने देते हैं। लेकिन जब वही मां-बाप जब बूढ़े हो जाते हैं तो कई बच्चों के लिए वो बोझ बन जाते हैं तो कई बच्चे नि:स्वार्थ भाव से अपने पैरेंट्स की सेवा भी करते हैं। सोशल मीडिया पर आपको कई ऐसे वीडियो दिख जाते होंगे जहां संतान अपने मां-बाप को तड़पने के लिए बुढ़ापे में छोड़ देते हैं। फिलहाल कुंभ मेले का भी एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है।


यह वीडियो प्रयागराज का है जिसमें आप देखेंगे कि बुजुर्ग दंपत्ति कड़कड़ाती ठंड की रात में चादर ओढ़कर बैठे हुए हैं। कुंभ में उनके बच्चों ने उन्हें छोड़ दिया है। एक शख्स उनकी मदद करता है और उन्हें कुछ पैसे भी देता है। वो दोनों की मदद करना चाहते हैं लेकिन वो कहते हैं कि वो रातभर कुंभ में ही रहना चाहते हैं। यह वीडियो काफी ज्यादा वायरल हो रहा है।



बच्चों ने छोड़ दिया



वीडियो में वो कहते हैं - 'हमारे तीन बेटे हैं और बच्चों ने हमें छोड़ दिया है। तीन बहू है तीनों दुष्ट है। हम बोले हैं कि हमारे शहर में कुंभ हो रहा है हम जाते हैं नहाने।' मदद करने वाला शख्स कहता है कि चार किलोमीटर की दूरी पर रहता है और सुबह उनसे मिलने आएगा और आश्रम लेकर जाएगा।



लिखा गया है- 'भीषण सर्दी में बुजुर्ग मां बाप को कुंभ में छोड़ दिया।' 


दूसरे यूजर ने लिखा है- कैसे-कैसे बेटे हैं इस दुनिया में, इतने बूढ़े मां-बाप को तकलीफ देते हैं। तीसरे ने लिखा है- ये पुत्र नहीं कुपुत्र हैं आपने अच्छा काम किया है। कई यूजर ने लिखा है कि बच्चों को मां-बाप के प्रति इतना गैर जिम्मेदार नहीं होना चाहिए।